श्री वल्लभ गोशाला के बारे में

हार्दिक शुभकामना,श्रीवल्लभ गोशाला एक परिचित धार्मिक स्थल है। गोसेवा के मुख्य उद्देश्य संकल्पके साथ यह गोशाला कार्यान्वित है। गोसेवा के द्वारा गोसान्निध्यमें रहनेसे सकारात्मक सात्त्विक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। श्रीवल्लभ गोशाला अपनी प्रिय गोमाता की सर्वोत्तम सेवा, सवर्धन और रक्षण द्वारा प्रसन्न रखने के लिए संकल्पबद्ध है। महाभारत अनुशासन पर्व में भगवान श्रीकृष्ण अपनी अभिलाषा व्यक्त करते हुए आज्ञा करते है की "मेरे आगे गाय मेरे पीछे गाय, मेरे चारो तरफ गाय है और में गायोके मध्यमे रहता हु।" भगवान श्रीकृष्ण के यह वचन गोमहिमा को मंडित करते है। इसीलिए सात्त्विकता के आधारसम गोसेवा सर्वश्रेष्ठ है।

More About

मिशन ऑफ़ श्री किशोरेबवा

समाज में गोरक्षा (गायों का संरक्षण) के महत्व को स्थापित करना।

    • श्री किशोर चंद्रजी महाराज की प्रेरणा से गायों की रक्षा के लिए कई गांवों में “गोपालन केंद्र” (ग्राम पशु शिविर) स्थापित किया गया था।
    • नंदी (बैल बछड़ा) को पालना और विभिन्न गौशालाओं को मुफ्त में देना।
    • पंचगव्य (पांच गाय-व्युत्पन्न) आधारित औषधियों के निर्माण की जानकारी देते हुए।
    • चारागाह भूमि का संरक्षण और उसका विकास।
    • जैविक खेती को बढ़ावा।
    • श्रीवल्लभ गोशाला की स्थापना हमारे गौ-माता-गोवंश को पूरे देश में शांति और सद्भाव से रहने और गोहत्या के कलंक को दूर करने के हमारे प्राथमिक कर्तव्य को पूरा करने के लिए की गई है।
गतिविधियां

विविध गतिविधियां

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Gopuja & Godanam

Gopuja means worship of a cow along with her calf. Gopuja removes hardships of the people and blesses them with peace and happinessCows are very dear to Lord Krsna. He’s known as Govinda (one who gives pleasure to the cows) and Gopala (protector of the cows). He lives in Gokul (the place of cows)

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