गोशालाके विभागों

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गो खिरक

(गायों के लिए जगह)

श्रीवल्लभ गोशाला में कुल …… खिरक का निर्माण हुआ है, जिसमें गुजरात की विश्वप्रसिद्ध गीर नसल की गोमाता आनन्दपूर्वक विराजतीं हैं। गोमाता अपनी इच्छानुसार भोजन और जल ग्रहण कर सकें इसके लिए गोखिरक के अन्दर और बाहर दोनों स्थान पर गोमाता के लिए जलाशय और खाने की जगह का निर्माण हुआ है।

    दिन के समय गोमाता सूर्यस्नान करके गरमी प्राप्त कर सकें और उनमें रहने वाली सूर्यना़डी उजागर हो इसके लिए खुली जगह की व्यवस्था की गयी है, इसके साथ रात्रि में हिंसक वन्यप्राणियों से रक्षा करने  के लिए एक सुरक्षित जगह का निर्माण भी हुआ है। दिन के समय दो से तीन बार सम्पूर्ण गोखिरक परिसर की सफाई की जाती है, जिससे यहाँ गन्दगी और दुर्गन्ध जैसी समस्या बिलकुल भी उत्पन्न नहीं होती।

 

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नन्दीघर

(नंदी के लिए जगह)

श्रीवल्लभ गोशाला में नन्दियों के लिए विशेष नन्दीघर की व्यवस्था की गयी है। जहाँ नन्दी आनन्दपूर्वक विराजते हैं। नन्दीघर के बाहर भी नन्दी खुले स्थान पर आराम से विचरण कर सकें उसके लिए सुन्दर व्यवस्था की गयी है। नन्दियों के लिए आहार और जल की व्यवस्था यहाँ नन्दीघर में ही की गयी है।

 नन्दीघर में रहने वाले नन्दियों का उपयोग केवल गोशाला की गोमाताओं को फलित करने के लिए होता है। श्रीवल्लभ गोशाला के द्वारा किसी भी प्रकार का कृत्रिम बीजदान नहीं होता है। यहाँ गोशाला में नन्दी से ३ वर्ष तक सेवा ली जाती है। उसके बाद श्रीवल्लभ गोशाला के साथ जु़डी १०८ गोशाला में से किसी भी गोशाला को ये नन्दी सम्पूर्ण जिम्मेदारी के साथ सौंपे जाते हैं।

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बैल घर

(बैल के लिए जगह)

श्रीवल्लभ गोशाला में बैलों के लिए अलग से बैलघर का निर्माण हुआ है। जिसमें रहने वाले बैलों का उपयोग संस्था के साथ जु़डी हुई खेती के कार्यों में होता है।




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गोपरिक्रमा मार्ग

(गायों की परिक्रमा के लिए मार्ग)

श्रीवल्लभ गोशाला में कुल तीन गोपरिक्रमा मार्ग हैं; जिसमें सबसे प्रथम ब़डे परिक्रमा मार्ग से श्रीवल्लभ गोशाला की प्रत्येक गोखिरक की चारों ओर से परिक्रमा कर सकते हैं, द्वितीय क्रम की परिक्रमा मार्ग से वृद्ध अथवा शारीरिकरूप से अशक्त  इस गोखिरक की परिक्रमा वैष्णव सरलता से कर सकते हैं, और तृतीय परिक्रमा मार्ग सबसे छोटा है, जिससे श्रीवल्लभ गोशाला में स्थित आराध्य देव भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा की चारों ओर से परिक्रमा कर सकें ऐसी सुन्दर व्यवस्था है।

गो परिक्रमा मार्ग को कोटा स्टोन से सजाया गया है, जिससे वैष्णव पैरों में कुछ पहने बिना भी सरलता से परिक्रमा कर सकतें हैं। गो परिक्रमा करते समय वैष्णव हवेली संगीत और धोण-कीर्तन का श्रवण कर सकें, इसके लिए अत्याधुनिक साउन्ड सिस्टम लगाया गया है।

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पंचगव्य स्टोर

(पंचगव्य के उत्पाद)

गोमाता से प्राप्त होने वाली पाँच पवित्र वस्तुएँ दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर इनको पंचगव्य के रूप में जाना जाता है। पञ्चगव्य से बननेवाली विविध वस्तुओं का उपयोग मानवजीवन में शारीरिक-मानसिक तंदुरूस्ती और सात्त्विकता का निर्माण करने में  सार्थकरूप से सहायक होता है।

    इससे पंचगव्य से बननेवाली अनेक औषधियाँ, गोमूत्र अर्क, सात्त्विक दूध-घी-छाछ जैसी खाद्य सामग्रियाँ, दीपक, धूपबत्ती, गोबरकंडा, फिनाइल (गोमूत्र और नीम के अर्क से बना हुआ गोनाइल) तदुपरांत गो आधारित पूर्णरूप से ओर्गेनिक खेती से उत्पन्न फल और सब्जी जैसी शुद्ध-सात्त्विक वस्तुएँ वैष्णवों को श्रीवल्लभ गोशाला के पंचगव्य स्टोर से मिल रहीं हैं।

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ओडिटोरियम

(गोशाला में सभागार)

श्रीवल्लभ गोशाला में आधुनिक टेक्नोलोजी से सज्ज मल्टीमीडिया ओडिटोरियम का निर्माण हुआ है। जिसमें १२० व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था है, जहाँ वैष्णव ओडियो-वीडियो विज्युलाइजेशन के माध्यम से गोमाता के माहात्म्य और श्रीवल्लभ गोशाला के विषय में विशेष जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

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बच्चों के खेल का मैदान

(बच्चों के खेलने के लिए जगह)

वैष्णव बालक अपनी बाल्यावस्था से ही गोमाता के समीप रहंे, उनको जानें, उनकी देख-रेख करने की प्रेरणा प्राप्त करें और नियमित रूप से अपने परिवार के साथ गोशाला आयें उस हेतु को सार्थक करने के लिए श्रीवल्लभ गोशाला में बालकों के लिए बाल क्रीडाङ्गण का निर्माण हुआ है। जहाँ अत्याधुनिक फिसलपट्टी, झूला और अन्य खेल-कूद के साधन बाल क्रीडाङ्गण को अत्यधिक मनोरम बना रहे हैं।

    यहाँ एक बाल गोखिरक बनाई गयी है, जहाँ गोमाता के छोटे बछ़डों को बिराजित किया जाता है, जिससे  बालक उन पर स्नेह बरसाकर गोमाता को समीप से जान सकते हैं। बालक के परिवार वाले आराम से बैठ सकें इस के लिए यहाँ आरामदायक कुर्सियों को रखा गया है।

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परिवार उद्यान

(परिवार के लिए जगह)

श्रीवल्लभ गोशाला के दर्शन को आनेवाले वैष्णव गोमाता के समीप शांतिपूर्ण और पूर्णरूप से प्राकृतिक वातावरण में परिवार के साथ बैठ सकें इसके लिए यहाँ परिवार उद्यान का निर्माण हुआ है।

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अल्पाहारगृह

(स्वस्थ नाश्ता घर)

श्रीवल्लभ गोशाला में अल्पाहारगृह भी कार्यरत है, जहाँ वैष्णवों को शुद्ध और पौष्टिक अल्पाहार मिलता है। अल्पाहारगृह के समीप बालकों को पुराने खेल खेलाये जाते हैं, और हवेली संगीत तथा धोण-कीर्तन की प्रस्तुति करने के लिए प्रोत्साहन देकर विविध सांस्कृतिक प्रवृत्तियाँ करवाईं जातीं हैं।